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मतदान खत्म होने के बाद शाहीन बाग में प्रदर्शनकारियों के अंदर पुलिसिया कार्रवाई का डर सता रहा है, जिसे देखते हुए प्रदर्शन में शामिल होने के लिए लोगों की ज्यादा से ज्यादा भीड़ जुटाने की अपील की जा रही है। प्रदर्शन को खड़ा करने में शरजील की गिरफ्तारी के बाद दूसरे आयोजकों ने पुलिस से निपटने के लिए नई योजना तैयार की है।
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इस योजना के तहत पुलिस की कार्रवाई होने पर महिलाओं के दो सुरक्षा चक्र बनाए जाएंगे, यह दोनों चक्र पुलिस को प्रदर्शनस्थल के पास आने से रोकेंगे। वहीं, पुलिस की ओर से जल्द सड़क पर बैठे जामिया के छात्रों पर भी कार्रवाई कर रास्ते को खुलवा सकती है। इस पूरी कवायद के लिए अंदर खाने पुलिस की ओर से भी तैयारी पूरी कर ली गई है। हालांकि रास्ता खाली कराने को लेकर पुलिस का कोई भी अधिकारी आधिकारिक तौर पर कुछ भी कहने से बच रहा है।
शाहीन बाग से कालिंदी कुंज की ओर जाने वाला रास्ता डेढ़ महीने से प्रदर्शन की वजह से बंद चल रहा है। इस प्रदर्शन के साथ-साथ दिल्ली विधानसभा चुनाव की तैयार शुरू हो गई, जिसे देखते हुए कानून-व्यवस्था के मद्देनजर प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई से पुलिस बचती नजर आई। लेकिन शनिवार को मतदान संपन्न होने के बाद पुलिस जल्द रास्ता खुलवाने के लिए हर संभव प्रयास में लगी है। " alt="" aria-hidden="true" />
सूत्रों की माने तो 11 फरवरी को मतगनणा बीतने के बाद प्रदर्शनकारियों पर सख्ती की जा सकती है। जबकि सोमवार को शाहीन बाग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई है। इन सभी आशंकाओं को देखते हुए शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों की धड़कने बढ़ गई हैं। प्रदर्शनकारी शोयब का कहना है कि चुनाव में परिणाम निर्भर करेगा पुलिस किस तरह कार्रवाई करेगी।
प्रदर्शनकारी आफताब भी कहते हैं कि नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ कुछ भी हो जाये वह धरने पर बैठे रहेंगे। हालांकि पुलिस की कार्रवाई का सामना करने के लिए बुजुर्ग महिलाओं को आगे करने की तैयारी कर ली गई है। इसके बाद महिलाओं को दूसरी लाइन में रखा जाएगा, जिसके बाद पुरुष प्रदर्शनकारी अंतिम मोर्चा संभालेंगे। वहीं जामिया के गेट नंबर सात पर भी बैठे प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है। पुलिस की ओर से रास्ते को खाली करने को लेकर एक से दो दिनों के भीतर जामिया प्रशासन से बातचीत कर सकता है।